राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति
अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यक महासंघ
ऐन.यूं.बी.सी का उद्देश्य

1.वर्तमान में पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यकों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान बढ़ावा कर उनकी वास्तविक जनसंख्या के आधार पर करवाना।

2. शिक्षा, तकनीकी, चिकित्सा, अभियान्त्रिको तथा उच्च तकनीकी पाठ्यक्रमों में उपरोक्त वर्ग के बच्चो को समानुपति आधार पर प्रवेश की तुरंत व्यवस्था करवाना।

3. पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यकों का आरक्षण सभी सरकारी, अर्द्धसरकारी, स्वशासी एवं निजी क्षेत्र के राष्ट्रीय - बहुराष्ट्रीय उधमो व उधोगों और सूचना माध्यमों में लागू करवाना।

4. वर्तमान में पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यकों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान बढ़वा कर उनकी वास्तविक जनसंख्या के आधार पर करवाना।

2. शिक्षा, तकनीकी, चिकित्सा, अभियान्त्रिकी तथा उच्च तकनीकी पाठ्यक्रमों में उपरोक्त वर्ग के बच्चों को समानुपातिक आधार पर प्रवेश की तुरन्त व्यवस्था करवाना।

3. पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यकों का आरक्षण सभी सरकारी, अर्द्धसरकारी, स्वशासी एवं निजी क्षेत्र के राष्ट्रीय-बहुराष्ट्रीय उद्यमों व उद्योगों और सूचना माध्यमों में लागू करवाना।

4. अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग की तरह पिछडा वर्ग आयोग को वैधानिक ताकत दिलवाना।

5. केन्द्र तथा राज्य सरकारों की रक्षा सेवाओं में, पुलिस तथा अन्य सुरक्षा विभागों में आरक्षण नीति को लागू करवाना। पदोन्नति में भी आरक्षण लागू करवाना।

6. नगरपालिका तथा ग्राम पंचायतों में आरक्षण नीति की मुताबिक संसद एवं विधान सभाओं की सीटों में भी पिछड़े वर्गों तथा अल्पसंख्यक समाज के लिए का समानुपातिक क्षेत्र आरक्षित करवाना |

7. मंत्री मंडलों, राज्यपालों, आयुक्तों, राजदूतों, आयोगों और परिषदो में इन वर्गों की जनसंख्या के अनुपात में नियुक्ति करवाना।

8. जब तक अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति तथा अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सभी सेवाओं और शिक्षा में अपने अनुपात में प्रतिनिधित्व का लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते तब तक के लिए क्रीमीलेयर (मलाई पर्त) की नीति समाप्त करवाना |

9. पिछड़ा वर्ग आयोग में इन्हीं वर्गों से अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करवाना तथा पिछड़ा वर्ग आयोग को जरूरी कानूनी व आर्थिक अधिकार दिलवाना।

10. पंचायत से संसद तक के सभी निर्वाचन से भरे जाने वाले पदों में महिलाओं को 50 प्रतिशत की भागीदारी सुनिश्चित करवाना। इस भागीदारी में पिछडा वर्ग, अनुसूचित जाति,/अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यकों का हिस्सा भी उनकी आबादी के अनुसार सुनिश्चित करवाना।

11. तहसील से लेकर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्तियों में पिछड़े वर्ग अनु. जाति,/अनु. जनजाति तथा अल्पसंख्यकों को आबादी के अनुसार उनके पदों को आरक्षित करवाना |

12. प्रदेश, केन्द्र सरकार के सूचना एवं प्रसार विभाग द्वारा, सरकारी व निजी चौनलों में इन वर्गों की समस्याओं को आम जनता के सूचनार्थ प्रकाशित करवाना

13. सरकार की आरक्षण नीति को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल करवाना ताकि उसमें न्यायपालिका दखलंदाजी न कर सके।

14. जाति के आधार पर जनगणना करवाना।

15. मण्डल आयोग की रपट और लागू होने के स्तर पर सरकार से भवेत पत्र जारी करवाना

16. विश्वविद्यालय निधि आयोग में अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद ओ.बी.सी. को दिलवाना।